बुन्देलखण्ड के जनपद
जालौन में ग्रामीण अंचल में तीन बालिकाएँ शिक्षा के प्रति जागरूकता दिखाए हुए हैं.
इन तीन बालिकाओं को आगे बढ़ने में उनके माता-पिता का भरपूर योगदान है. जनपद के
सुदूर इलाके में अजीतापुर नामक इस ग्राम में अधिसंख्यक मुस्लिम आबादी है. इस गाँव
में ताहिरा बानो, नूर सबा और अफसर जहाँ नाम की तीन बालिकाएँ हैं स्थानीय केशव देव महाविद्यालय, गोहन में स्नातक
की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं. इन बालिकाओं का स्नातक स्तर पर शिक्षा प्राप्त करना
आश्चर्यचकित करने वाला नहीं है बल्कि आश्चर्य में ये बात डालती है कि इस गाँव में
यही तीन बालिकाएँ हैं जो स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रही हैं.
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गोहन स्थित केशव देव
तिवारी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ० राकेश द्विवेदी प्रतिवर्ष अपने पूज्य पिता
डॉ० दिनेश चन्द्र द्विवेदी जी की स्मृति में ‘प्रखर बुद्धि सम्मान’ प्रदान करते
हैं. ये सम्मान महाविद्यालय के सर्वोच्च अंक प्रापक को प्रदान किया जाता है. डॉ०
दिनेश चन्द्र द्विवेदी गाँधी महाविद्यालय, उरई में हिन्दी विभागाध्यक्ष के साथ-साथ
प्रख्यात साहित्यकार, समाजसेवक, राजनीतिक व्यक्तित्व रहे हैं. इस वर्ष (२०१३) का ‘प्रखर
बुद्धि सम्मान’ अजीतापुर की ताहिरा बानो को प्रदान किया गया.
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सम्मान समारोह के
अवसर पर ताहिरा के माता-पिता ‘इन्ताज़ बेगम-अब्दुल समद’ को भी सम्मानित किया गया.
उन्होंने बताया कि गाँव के लोगों ने उनके परिवार पर इस बात का बहुत दवाब डाला कि
वे अपनी बेटी ताहिरा की शिक्षा बंद कर उसका निकाह कर दें. इन दोनों ने समूचे गाँव
का विरोध सहकर अपनी बेटी के साथ-साथ अपने रिश्तेदार की दो अन्य बेटियों नूर सबा,
अफसर जहाँ को पढ़ने में सहायता प्रदान की.
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ये तीनों बेटियाँ भी
पूरी लगन के साथ शिक्षा ग्रहण कर रही हैं और उच्च स्थान प्राप्त कर रही हैं. अवश्य
ही इनको सम्मानित किये जाने से गाँव की, आसपास की अन्य बालिकाएँ भी प्रेरणा ग्रहण
करेंगी. इनके माता-पिता के साहस से भी अन्य माता-पिता प्रोत्साहित होकर अपनी बेटियों
को शिक्षित बनाने का प्रयास करेंगे.
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