महाविद्यालयीन प्राध्यापकों ने घेरी विधानसभा और दी गिरफ्तारियाँ





फुपुक्टा के आह्वान पर २७ फरवरी को उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों के प्राध्यापकों द्वारा अपनी माँगों को लेकर सरकार की तरफ से हो रही हीलाहवाली, देरी के कारण विधानसभा का घेराव किया गया. घेराव करने से पूर्व समस्त प्राध्यापक जीपीओ पर एकत्र हुए और वहां से जुलूस के रूप में अपनी माँगों से सम्बंधित, शिक्षक एकता से सम्बंधित नारे लगते हुए विधानसभा के सामने पहुंचे. पूरे प्रदेश से कई सैकड़ा संख्या में पहुंचे नियमित प्राध्यापकों, मानदेय प्रवक्ताओं ने शांतिपूर्ण ढंग से विधानसभा के सामने बैठकर अपनी बात सरकार तक पहुँचाने का प्रयास किया.
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इस बीच सरकार की तरफ से कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री द्वारा प्राध्यापकों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के आश्वासन के बाद भी मिलने न आने से प्राध्यापकों में आक्रोश बढ़ गया. प्रशासनिक अमला सरकारी इशारे से प्राध्यापकों को जोर-जबरदस्ती से हटाने की कोशिश में दिखा. इससे सड़क पर शांतिपूर्ण ढंग से बैठे प्राध्यापकों ने विधानसभा के सामने से न हटने का एलान करते हुए गिरफ्तारी देने की भी घोषणा की. इसके बाद बड़ी संख्या में प्राध्यापकों ने गिरफ्तारियां दी.
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सभी गिरफ्तार प्राध्यापकों ने पुलिस लाइन में भी सभा करके प्रदेश सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों के विरोध में सभा करनी जारी रखी. फुपुक्टा के समस्त पदाधिकारियों के साथ-साथ विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षक संघों के पदाधिकारियों ने भी अपने-अपने विचार रखे. सभी ने एकमत से अपनी मांगें न मांगे जाने तक परीक्षा-कार्य से सम्बंधित समस्त कार्यों का बहिष्कार करने पर सहमति दी. प्राध्यापकों के इस कदम से विश्वविद्यालयीन परीक्षा में बाधा आएगी साथ ही विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं, प्रयोगात्मक परीक्षाओं में भी व्यवधान उत्पन्न होगा.
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बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालयों के प्राध्यापकों, मानदेय प्रवक्ताओं ने अपनी सशक्त भागेदारी करते हुए विधानसभा का घेराव किया और गिरफ़्तारी भी दी. बूटा अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार श्रीवास्तव (डीवीसी उरई) बूटा उपाध्यक्ष प्रो देवेन्द्र नाथ (गाँधी महाविद्यालय, उरई) प्रो ओ पी शर्मा (प्राचार्य-गाँधी महाविद्यालय, उरई) डॉ शिवशंकर पटेल (अध्यक्ष-शिक्षक संघ, गाँधी महाविद्यालय, उरई) डॉ राकेश नारायण द्विवेदी (महामंत्री-गाँधी महाविद्यालय, उरई) प्रो एस पी त्रिपाठी, प्रो दलवीर सिंह, डॉ कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, डॉ गोविन्द सुमन, रोहित पाठक, अनूप शुक्ल, स्वप्निल भट्ट, केके त्रिपाठी. धर्मेन्द्र कुमार (समस्त प्राध्यापक-गाँधी महाविद्यालय, उरई) के अतिरिक्त डॉ टीके शर्मा (बूटा महामंत्री) डॉ बाबूलाल तिवारी (बीकेडी, झाँसी) डॉ गयाप्रसाद सनेही (अतर्रा कॉलेज, अतर्रा) डॉ उमेश मिश्र (ब्रह्मानंद महाविद्यालय, राठ) सहित बुन्देलखण्ड क्षेत्र के तमाम महाविद्यालयों के प्राध्यापक, मानदेय प्रवक्ता उपस्थित हुए.

कालपी कॉलेज, कालपी में नेशनल सेमीनार - 24-24 फरवरी 2013


National Seminar on 
“TRANSMISSION OF HUMAN RIGHTS THROUGH THE NON FORMAL MEANS OF EDUCATION” 
(sponsored by UGC)
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बुन्देलखण्ड के कालपी कॉलेज, कालपी (जनपद-जालौन) में दिनांक-२४ एवं २५ फरवरी २०१३ को एक सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है. राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा प्रायोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है “TRANSMISSION OF HUMAN RIGHTS THROUGH THE NON FORMAL MEANS OF EDUCATION”

इस संगोष्टी में उक्त मुख्य विषय के साथ-साथ निम्न उप-विषयों को भी रखा गया है.

1-   NON FORMAL EDUCATION AND HUMAN RIGHTS IN INDIA

2-   INNOVATIONS IN NON FORMAL MEANS OF EDUCATION

3-   NON FORMAL EDUCATION AND STATUS OF TRIBAL WOMEN IN INDIA

4-   वर्तमान सन्दर्भ में मानवाधिकार एवं महिला सशक्तिकरण

5-   महिला मानवाधिकार एवं अनौपचारिक शिक्षा प्राविधि की उपादेयता

6-   मानवाधिकार के प्रति भारतीय समाज में चेतना

7-   कल्याणकारी राज्यों में मानवाधिकार शिक्षा की भूमिका

8-   वैश्वीकरण (भूमंडलीकरण) एवं मानवाधिकार


सेमिनार में अपना शोध-पत्र प्रस्तुत करने के इच्छुक लोग अपना शोध-पत्र २५०० शब्दों में तथा उसके साथ शोध-सारांश (ABSTRACT) ३०० शब्दों में हिंदी या अंग्रेजी में भेजें.
Dr. SUDHA GUPTA

Organizing Secretary

Deptt of Political Science,

Kalpi College, Kalpi (Jalaun) 285204

e-mail : kalpicollege@gmail.com