राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई का शिविर सम्पन्न

राष्ट्रीय सेवा योजना छात्रा इकाई का शिविर सम्पन्न

‘‘देश में तमाम सारी समस्याओं के साथ ही स्त्री-पुरुष अनुपात में भरी अन्तर भी एक समस्या बना हुआ है। इस समस्या के पीछे कन्या भ्रूण हत्या/कन्या शिशु हत्या एक प्रमुख कारण है। वंश-वृद्धि की खातिर पुत्र मोह, दहेज समस्या के चलते भी कन्याओं की अवहेलना की जाती है। हमें समाज से इस भेदभाव की धारणा को मिटा कर ही लिंगानुपात की समस्या को रोका जा सकता है।’’ उक्त विचार विषय-विशेषज्ञ के रूप में डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उरई की राष्ट्रीय सेवा योजना के एकदिवसीय शिविर में व्यक्त किये। राष्ट्रीय सेवा योजना की प्रथम और द्वितीय इकाई (छात्रा) के संयुक्त एक दिवसीय शिविर में डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ‘कन्या भ्रूण हत्या-एक सामाजिक बुराई’ विषय पर वक्तव्य दे रहे थे। डा0 कुमारेन्द्र ने आगे कहा कि लड़कियों को इस बात को छोड़ देना चाहिए कि वे किसी भी मामले में लड़कों से कम हैं। आज विश्व के किसी भी क्षेत्र में हम लड़कियों की उपस्थिति को आसानी से देख सकते हैं। शिक्षित लड़कियों को अपने घरों-परिवारों से ही पुत्र मोह की धारणा को समाप्त कर कन्याओं के प्रति सकारात्मक वातावरण तैयार करना होगा। आज लड़कियों को किसी भी क्षेत्र में आसानी से सफलता प्राप्त करते देखा जा सकता है। अब आवश्यकता उनको प्रोत्साहित करने की है न कि उनके साथ भेदभाव करने की।
(बाएं से - डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, डॉ0 जयश्री पुरवार, डॉ0 अनिल कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य)

शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ0 जयश्री पुरवार ने आँकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि देश के साथ-साथ प्रदेश में कन्याओं की जो संख्या है उसके मुकाबले हमारे जिले में यह संख्या और भी कम है। जालौन में यह आँकड़ा प्रति एक हजार पर 889 पर आकर टिक गया है। यह स्थिति चिन्तनीय है जो आने वाले समय में महिलाओं के प्रति भेदभाव को और भी बड़ा देगी। महिलाओं/कन्याओं के प्रति इस कारण से हिंसा और भी बढ़ेगी। हमें हर हालत में इस बुराई को रोकना ही होगा। जिस तरह से यह संख्या कम हो रही है वह सकीनन हमारे लिए चिन्ता का विषय होना चाहिए। इसके बाद भी हम किसी न किसी रूप में बेटियों को मारने का काम कर रहे हैं। इस अवसर पर डा0 जयश्री पुरवार ने एक कविता सुना कर बेटियों की महत्ता पर भी प्रकाश डाला।

डी0वी0 कालेज, प्रबन्धकारिणी के अवैतनिक मंत्री डा0 देवेन्द्र कुमार ने कहा कि माता-पिता को अपनी बच्चियों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाना चाहिए। आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं जहाँ महिलायें पुरुषों से पीछे हों। ऐसे में उनके साथ भेदभाव की स्थिति को अपनाना गलत है।

डी0 वी0 कालेज के प्राचार्य डा0 अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमें आज सुभाष जयन्ती पर इस संकल्प को लेना होगा कि हम जो भी कार्य करेंगे वह ईमानदारी से करेंगे। यहाँ हमारा तात्पर्य ईमानदारी से पैसे रुपये के लिए नहीं है। हमें अपने रोज के कामों में भी ईमानदारी रखनी होगी। आज लड़कियाँ हर मामले में लड़कों से हर क्षेत्र में आगे हैं, ऐसे में वे अपने मन से इस विचार को त्याग दें कि वे लड़कों से कमजोर हैं।

राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डा0 मंजू जौहरी ने कहा कि लड़कियों को इस योजना के माध्यम से देश सेवा को प्रेरित तो किया ही जाता है साथ ही उन्हें बुराइयों से लड़ने को भी प्रेरित किया जाता है। कन्या भ्रूण हत्या समाज में फैली एक बहुत बुरी बीमारी है। इस बीमारी को दूर करने के लिए स्वयं महिलाओं को ही आगे आना होगा।

राष्ट्रीय सेवा योजना द्वितीय इकाई की कार्यक्रम अधिकारी डा0 स्मिता जायसवाल ने कहा कि पुत्र की कामना ने ही परिवार में कन्याओं को दायम दर्जा प्रदान कर रखा है। हालांकि अब ऐसा कम हो रहा है किन्तु इसके बाद भी कुछ परिवारों में ऐसी स्थिति दिखाई देती है जिससे साफ तौर पर दिखाई देता है कि लड़के और लड़कियों में भेद है। कई परिवारों में पढ़ने, लिखने, खाने, पीने तक में भेदभाव किया जाता है ऐसा गलत है। हमें लड़कियों को इस बारे में अधिक से अधिक जागरूक करना है कि वे अपने अधिकारों को समझें और इस भेदभाव से समाज से दूर करने में अपना सहयोग करें।
(शिविर में उपस्थित छात्राएं)

शिविर में विचार गोष्ठी में लड़कियों ने भी अपने विचार दिये। कु0 सोनम अग्रवाल ने कहा कि परिवार में पुत्र की कामना मोक्ष प्राप्ति के लिए तो होती ही है साथ ही उसे व्यवसाय और अन्य आर्थिक मदद के लिए भी स्वीकारा जाता है। कु0 कंचन ने कहा कि दहेज की समस्या को मिटाये बिना कन्या भ्रूण हत्या को नहीं रोका जा सकता है। रीना राजपूत ने कहा कि हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज रहा है, यहाँ किसी भी काम के लिए लड़कियों को कमजोर और लड़को को सक्षम माना गया है, अब इस सोच को बदलना होगा।

कार्यक्रम के अन्त में दोनों इकाइयों की छात्राओं ने एक जागरूकता रैली निकाली। इसमें छात्राओं ने अपने हाथों में विविध नारे लिखी तख्तियों, पोस्टरों के द्वारा कार्यक्रम अधिकारियों डा0 मंजू जौहरी और डा0 स्मिता जायसवाल के नेतृत्व में ग्रामीण इलाके में जाकर लोगों को जागरूक किया। शिविर में प्रथम और द्वितीय इकाई की आरती उदैनिया, प्रियंका देवी, शबनून खातून, नीलू, मंजूलता, रश्मिदेवी, रमा राजपूत, सोनम, पूनम, शिवानी गुप्ता, कविता, प्रगति विश्नोई, अंजू यादव, प्रीति वर्मा, शिवानी आदि सहित सभी छात्राएँ उपस्थित थी। Justify Full

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