बाल नाट्य कार्यशाला का समापन कार्यक्रम



          उरई इप्टा इकाई की ओर से प्रसिद्ध रंगकर्मी स्व0 बलराज साहनी की स्मृति में गांधी इंटर कॉलेज के पंत हॉल में पन्द्रह दिवसीय बाल नाट्य कार्यशाला का आयोजन 1 मई से किया गया। इस कार्यशाला के समापन दिवस-15 मई-को बच्चों द्वारा विविध कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस अवसर पर बच्चों द्वारा चिड़ियानाटक को प्रस्तुत किया गया। इसमें बच्चों के द्वारा चिड़िया, कोयल, टिटहरी, कौआ, तोता, चूहा आदि का अभिनय किया गया। इसमें विशेष और प्रशंसनीय बात तो यह रही कि इन बच्चों ने जानवरों की आवाज को हू-ब-हू निकाल कर दर्शकों को आश्चर्यचकित कर दिया।


         

इस नाटक के द्वारा बच्चों ने दिखाया कि कैसे इंसान स्वार्थ की खातिर पशु-पक्षियों के निवास-स्थान को, उनके खाने-पीने के संसाधनों को नष्ट करता जा रहा है। स्वच्छन्द रूप से गाते-गुनगुनाते पक्षियों पर उस समय खाने-पीने का संकट आ जाता है जबकि शहर से आये कुछ लोगों द्वारा गांव के तालाब को मिट्टी डालकर मिटा दिया जाता है और बाग-बगीचों को भी काटा जाने लगता है। ऐसे में सभी पशु-पक्षी मिलकर अपने तालाब को और बाग को बचाते हैं।

          



बच्चों ने इस नाट्य-प्रस्तुति के द्वारा संदेश दिया कि हम स्वार्थ में जानवरों के लिए संकट पैदा न करें। उनको भी रहने, खाने-पीने का अधिकार है। पर्यावरण-संरक्षण का संदेश देती इस बाल-प्रस्तुति पर उपस्थित सभी प्रबुद्धजनों ने बच्चों का भरपूर उत्साहवर्द्धन किया। इस नाटक के अतिरिक्त बच्चों ने बुन्देली लोकगीतों की मधुर प्रस्तुति से भी दर्शकों का मन मोह लिया।



        



  कार्यशाला के समापन पर इप्टा उरई के वरिष्ठ सदस्य डॉ0 सतीशचन्द्र शर्मा ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि इस तरह की कार्यशाला से बच्चों के अंदर छिपी हुई प्रतिभा का विकास होता है। प्रत्येक बच्चे में किसी न किसी तरह की प्रतिभा छिपी होती है, जरूरत हमें इसको निखारने की है। इस अवसर पर गांधी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 रवि अग्रवाल ने कहा कि वे इप्टा के सभी साथियों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने उनके विद्यालय के कक्षा 6, 7 एवं 8 के बच्चों के अन्दर छिपे कलाकार को बाहर लाने का कार्य किया। वे इप्टा उरई को आश्वासन देते हैं कि भविष्य में हर तरह से सहयोग को तत्पर रहेंगे।

        
   विभिन्न प्रस्तुतियों में प्रियंका, काजल, रितु, पूजा, ओमेग, रजत, प्रदीप, मोहिनी, रिंकल आदि बच्चों को उनकी मनमोहक प्रस्तुतियों के लिए प्रमाण-पत्र भी दिये गये। कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में गांधी महाविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों सहित नगर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित रहे।

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