राजनीति विज्ञान परिषद्, DVCollege, उरई का वार्षिक समारोह संपन्न



राजनीतिविज्ञान परिषद्, डी0वी0सी0, उरई का भव्य वार्षिक समारोह दिनांक-23.02.2011 को पुस्तकालय सभागार में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य स्व0 डॉ0 उदय नारायण शुक्ल स्मृति व्याख्यानमाला के अन्तर्गत ‘भारतीय लोकतन्त्र के समक्ष चुनौतियाँ एवं समाधान’ विषय पर परिचर्चा तथा अन्य प्रतियोगितायें सम्पन्न हुईं।

मंचासीन अतिथि
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स्तंभकार के० पी० सिंह
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परिचर्चा का शुभारम्भ करते हुए प्रसिद्ध स्तम्भकार के0 पी0 सिंह ने बताया कि हमारे देश में लोकतन्त्र तो अपना लिया गया किन्तु अधिनायकवादी मानसिकता एक बड़ी चुनौती के रूप में प्रारम्भ से ही रही है। केरल की नम्बूदरीपाद की सरकार को बर्खास्त करने की जो प्रक्रिया केन्द्र के द्वारा शुरू हुई वह आगे भी चलती रही और सरकारिया आयोग की सिफारिशों व सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही इस पर विराम लग सका। हमारा लोकतन्त्र कभी प्रगति की ओर तो कभी भ्रष्टाचार, अवसरवाद व निरंकुशता के चक्र में घिरा दिखता है। भ्रष्टाचार ने लोकतान्त्रिक विकेन्द्रीकरण, दलित चेतना तथा सामाजिक न्याय जैसी अवधारणाओं को अर्थहीन व मजाक का पात्र बना दिया।

बुन्देलखण्ड संग्रहालय के निदेशक डॉ0 हरीमोहन पुरवार
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मुख्य वक्ता तथा बुन्देलखण्ड संग्रहालय के निदेशक डॉ0 हरीमोहन पुरवार ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि जनता की, जनता द्वारा, जनता के लिए सरकार का लोकतान्त्रिक विचार अपना अर्थ खो बैठा है। अब सरकार जनता की उपेक्षा उससे दूरी और उसे प्रलोभन देने वाली बन गई है।

विभागाध्यक्ष आदित्य कुमार
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विभागाध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार ने कहा कि विकास की प्रक्रिया में प्रगति व अवरोध साथ-साथ चलते हैं। लोकतन्त्र भी इसका अपवाद नहीं है पर लोकतन्त्र एक स्वयं सुधारक संस्था व्यवस्था है। जागरूकता और लोक-शिक्षण से चुनौतियों का सामना किया जा सकता है।

प्राचार्य डॉ0 अनिल कुमार श्रीवास्तव
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समारोह के अध्यक्ष एवं प्राचार्य डॉ0 अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि व्यक्ति ही समाज के निर्माण की इकाई है अगर हम में से प्रत्येक अपना सुधार कर ले तो समाज व तन्त्र सभी सुधर जायेगा।

इससे पूर्व छात्राओं द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की गई। विभागाध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया तथा संयोजक डॉ0 नगमा खानम ने परिषद् की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी।

वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करतीं नगमा
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सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करते सुभाष चंद्रा
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परिषद्
द्वारा ‘महिला जागरूकता और समाज में उनकी स्थिति’ तथा ‘राजनैतिक जागरूकता एवं व्यवहार’ विषयों पर कराये गये सर्वेक्षणों की विश्लेषण रिपोर्ट सुभाष चन्द्रा तथा रणविजय ने प्रस्तुत की।

इस अवसर पर परिषद् द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित किये गये। जिनके निर्णायक डॉ० आनन्द खरे, डॉ0 वीरेन्द्र सिंह यादव, डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर थे।

परिणाम निम्नवत रहे-
निबन्ध प्रतियोगिता---
प्रथम-शीला देवी, आकांक्षा सक्सेना
द्वितीय-आनन्द रंजन, नीतू सिंह
तृतीय-सुमन वर्मा, अनीता चैधरी, देवेन्द्र कुमार, वर्षा तिवारी

संविधान ज्ञान प्रतियोगिता---
प्रथम-अर्चना राठौर
द्वितीय-देवेन्द्र कुमार
तृतीय-अनीता, शाहीन अख्तर
सांत्वना-पूजा जैन

तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता---
प्रथम-दिव्या निगम
द्वितीय-पुनीत
तृतीय-निखिल शर्मा





विजयी छात्र-छात्राओं को तथा सर्वेक्षण में सहभागी रहे छात्र-छात्राओं को अतिथियों के द्वारा पुरस्कार प्रदान किये गये। समारोह का संचालन डॉ0 नगमा खानम तथा डॉ0 राममुरारी चिरवारिया ने संयुक्त रूप से किया। समारोह में डॉ0 अरुण कुमार निगम, डॉ0 अभयकरन सक्सेना, डॉ0 सत् चित् आनन्द, डॉ0 एम0वी0 चतुर्वेदी, डॉ0 शारदा अग्रवाल, डॉ0 नीता गुप्ता, डॉ0 अनुज भदौरिया, डॉ0 राजेश पाण्डेय, डॉ0 रामाधीन, डॉ0 नीलरतन सिंह, डॉ0 राजवीर सिंह, डॉ0 के0 के0 निगम, प्रो0 योगेन्द्र बेचैन, डॉ0 ए0 के0 मिश्रा आदि सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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