सेंटर फॉर द रिसर्च स्टडी ऑफ सोसायटी की नियमित मासिक बैठक का आयोजन

मासिक बैठक == सेंटर फॉर द रिसर्च स्टडी ऑफ सोसायटी (CRSS)

स्थान == उरई (जालौन) दिनांक == 16-10-2011

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दिनांक 16 अक्टूबर 2011 को सेंटर फॉर द रिसर्च स्टडी ऑफ सोसायटी की नियमित मासिक बैठक का आयोजन सुशील नगर स्थित आदर्श एकेडमी में हुआ। ‘अन्ना का आन्दोलन: दिशा एवं दशा विषय पर आयोजित विचार-गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे डॉ0 आदित्य कुमार ने अन्ना के आन्दोलन के दोनों चरणों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए वर्तमान में अन्ना टीम की कार्यप्रणाली का विस्तार से समझाया। उनका कहना था कि अन्ना टीम के अन्य सदस्य कहीं न कहीं अतिवादिता के शिकार हो रहे हैं, उन्हें इससे बचने की आवश्यकता है। जिस प्रकार से अन्ना टीम के अन्य दूसरे सदस्यों में और अन्ना के बयानों में अब मतभेद की स्थिति बनती दिख रही है वह आन्दोलन की दिशा को भ्रमित करेगी। अन्ना का एक टी0वी0 चैनल को दिये साक्षात्कार में यह कहना कि यदि कांग्रेस जनलोकपाल बिल को पारित करवा देती है तो वे कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करेंगे, कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू किये गये एक अच्छे आन्दोलन को कमजोर करेगा।

राजनीतिक एवं चुनाव विश्लेषक डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने हिसार के चुनावों को संदर्भित करके अन्ना आन्दोलन की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण किया। उनका मानना था कि हिसार में कांग्रेस की हार तो पहले से ही तय थी, ऐसे में अन्ना टीम द्वारा वहां पर किसी एक दल के विरोध में राजनीतिक लामबंदी सी करना कहीं न कहीं उनके आन्दोलन पर संदेह सा पैदा करता है। अन्ना टीम को अब इस बारे में विचार करना चाहिए कि अपने 12 दिनों के आन्दोलन के समाप्त होने के बाद से उनकी टीम ने ऐसा कौन सा कार्य किया है जिसके आधार पर पूरे आन्दोलन में जुड़े रहे युवाओं को उसी तीव्रता से जोड़े रखा जाये।

सोसायटी के सचिव राघवेन्द्र द्विवेदी का कहना था कि अन्ना टीम ने खुद को नीयति का निर्धारक मान लिया है जबकि ऐसा नहीं है, नीयति ही नेता का निर्धारण करता है। जिस तरह से अन्ना और उनकी टीम के बयान आ रहे हैं उससे लगने लगा है कि वे लोग कहीं न कहीं कांग्रेस विरोध में कार्य कर रहे हैं न कि जनलोकपाल बिल को लाने के सम्बन्ध में। केजरीवाल, किरन बेदी आदि ऐसे नाम हैं जो अपने कार्यकाल के दौरान कहीं न कहीं सरकार से, कांग्रेस से परेशान रहे हैं और उसी का आक्रोश वे इस रूप में निकाल रहे हैं।

संजीव कुमार का कहना था कि अन्ना आन्दोलन जिस तेजी से हम सभी के बीच अपनी जगह बनाता दख रहा था उसी तेजी से लग रहा है कि वो अपनी विश्वसनीयता खोने वाला है। बाबा रामदेव की तरह से ही सरकार अन्ना के आन्दोलन को भी कुचलने का रास्ता निकालने की जुगाड़ बना रही है, ऐसे में टीम अन्ना को प्रत्येक कदम फूंक फूंक कर रखने की आवश्यकता है। गोष्ठी के आयोजक जगत सिंह ने कहा कि अन्ना टीम का काम सराहनीय रहा है और चूंकि इस देश को भ्रष्टाचार से लड़ने वाला कोई अगुवा चाहिए था जो अन्ना के रूप में प्राप्त हुआ। इस कारण से सभी लोग बिना किसी भेदभाव के अन्ना के साथ जुड़ गये।

कौशल किशोर ने अन्ना टीम के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि वे सारे सदस्य मिलजुल कर काम करेंगे तो ऐसा नहीं है कि सरकार से घबरा जायें। सरकार की मंशा तो हमेशा से ही उनके आन्दोलन को दबाने की रही है और जनता के सहयोग से ऐसा कर पाना सरकार के लिए सम्भव नहीं हो सकेगा। बी0एड0 के छात्र राघवेन्द्र का कहना था कि अन्ना टीम को इस समय भ्रष्टाचार के अलावा किसी और विषय पर बात करके मुद्दे से भटकने का कार्य नहीं करना चाहिए। यदि उनकी टीम के सदस्यों के बयानों में अथवा स्वयं सदस्यों में भटकाव आयेगा तो यह तय है कि इस आन्दोलन को सरकार दबाने से नहीं चूकेगी। इस अवसर पर सभी आये हुए सदस्यों के प्रति आभार सोसायटी के वरिष्ठ सदस्य शिवशंकर ने व्यक्त किया।

सोसायटी की बैठक की अगली तिथि 20 नवम्बर रविवार को निश्चित की गई है, जिसमें एक सर्वेक्षण से सम्बन्धित विषय पर, प्रश्नावली आदि पर चर्चा की जायेगी।