उरई अन्ना के साथ -- तीसरे दिन भी उरई में चला अनशन

जन लोकपाल बिल पास करने की माँग को लेकर अन्ना हजारे का अनशन आज तीसरे दिन भी दिल्ली के जंतर-मंतर पर जारी है। उनके सकारात्मक कदम के साथ और देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के प्रयास में उरईवासियों का भी सहयोग मिल रहा है। उरई में अन्ना हजारे के अनशन के पहले दिन ही एक सैकड़ा से अधिक लोगों ने तहसील गेट पर सामूहिक उपवास, अनशन रखकर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की थी। इसके बाद जागरूक उरईवासियों ने फैसला लिया कि जब तक अन्ना हजारे का अनशन चलता रहेगा तब तक वे लोग भी उरई में अनशन को जारी रखेंगे।



इस
फैसले के बाद अनशन के दूसरे दिन माहिल तालाब के समीप स्थित सत्संग भवन में अनशन को फिर शुरू किया गया। इसमें शहर के सभी धर्मों, वर्गों के लोगों का सहयोग मिला। इसी कड़ी में आज अन्ना के अनशन के तीसरे दिन भी अनशन जारी रखा गया। आज के इस अनशन में मातृ-शक्ति ने और मीडियाकर्मियों ने भी प्रत्यक्ष रूप से अपना सहयोग प्रदान किया। सामूहिक रूप से अनशन पर बैठे लोगों ने देश के प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह के नाम एक पत्र भी प्रेषित किया, जिसमें देश को विकास और भ्रष्टाचार मुक्त राह पर ले जाने के लिए जन लोकपाल बिल लाने का अनुरोध किया गया।



इस
अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी एवं पूर्व प्राचार्य डॉ0 सतीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि अन्ना के अनशन करने से भ्रष्ट मंत्री-नेता डरने लगे हैं और इसी कारण से किसी भी नेता की हिम्मत नहीं हो रही है कि अन्ना के विरोध में खड़ा हो सके। गाँधी महाविद्यालय के हिन्दी विभाग के डॉ0 राकेश नारायण द्विवेदी ने कहा कि अन्ना हजारे का व्यक्तित्व और स्वच्छ छवि ही समूचे देश में लोगों को आन्दोलन के लिए प्रेरित कर रही है। इस जन-समर्थन के आगे सरकार को जल्द ही झुकना होगा। प्रसिद्ध रंगकर्मी राज पप्पन ने कहा कि अब सियासत से गंदगी हटाने का समय आ गया है। अन्ना ने और उनके समर्थन में जुटे लोगों ने स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति को, देश को आन्दोलन के द्वारा ही शुद्ध किया जा सकता है।



युवा
समाजसेवी डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने बताया कि आज दोपहर स्वामी अग्निवेश के साथ सरकार की बातचीत सिद्ध करती है कि सरकार को भय लगने लगा है। अब वह समय दूर नहीं जबकि अन्ना की और समूचे देशवासियों की आवाज जन लोकपाल बिल के रूप में उभरेगी। सेवा दृष्टि संस्थान के महासचिव सुभाष चन्द्रा ने कहा कि देश को एक क्रान्ति की आवश्यकता थी जो अन्ना के रूप में सामने आई है, भले ही अरब देशों की तरह यहाँ सत्ता परिवर्तन न हो पर सत्ता परिवर्तन की राह अवश्य ही निर्मित होने लगी है। डी0वी0 कालेज के डॉ0 आदित्य कुमार का कहना था कि समूचे आन्दोलन को बिना राजनीतिक रंग दिये पूरे देश का समर्थन मिलना लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए शुभ संकेत है। यह हमें और आने वाली पीढ़ी को अवश्य ही लाभान्वित करेगा। डी0वी0 कालेज के डॉ0 रामप्रताप सिंह ने कहा कि हमारा अनशन उस स्थिति तक चलेगा जब तक कि अन्ना हजारे का अनशन चलता है, इसके बाद भी यदि सरकार बिल लाने को तैयार नहीं होती है तो इसका अर्थ होगा कि वह भ्रष्टाचार का समर्थन करती है।

एम
0पी0 कालेज कोंच के डॉ0 जयशंकर तिवारी का कहना था कि समूचे देश से इस तरह का समर्थन मिलना और हम सभी का नियमित रूप से अनशन को जारी रखना इस बात का संकेत है कि अब परिवर्तन की लहर उठ चुकी है जिसको कि सकारात्मक मंजिल प्राप्त करनी शेष है। अन्ना के उपवास के साथ पिछले दो दिनों से उपवास कर रहे युवा रंगकर्मी संतोष ने कहा कि बहुत दिन बाद लगा कि देश में भी सकारात्मक बिन्दुओं पर चिन्तन करने वाले जीवित हैं अन्यथा यहाँ तो लग रहा था कि सभी मशीनी मानव हैं।

अनशन
के दौरान इस बात का भी संकल्प लिया गया कि सभी लोग भ्रष्टाचार-मुक्त राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग करेंगे। इस बात का भी आपस में विश्वास व्यक्त किया गया कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलने वाला आन्दोलन अन्ना हजारे के इस उपवास के समय तक ही नहीं चलेगा वरन् इसको नित्यप्रति के कार्य की भाँति स्वीकार किया जायेगा। समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक इस बात की ज्योति पहुँचानी है और समाज को स्वच्छ, भ्रष्टाचार विहीन समाज के रूप में परिवर्तित करना है। इस अवसर पर श्रीमती कौशल्या, सुरेन्द्र सिंह कुशवाह, महेन्द्र विक्रम सिंह, सतीश चचौधिया, डॉ0 के0 सी0 गुप्ता, रामेश्वर प्रसाद त्रिपाठी, सुरेश चन्द्र, सुधीर त्रिपाठी आदि सहित लगभग 75 लोग उपस्थित रहे।

कल
दिनांक 8 अप्रैल को अनशन का स्थान जिलाधिकारी कार्यालय परिसर निर्धारित किया गया। इसी के साथ सभी ने एकमत से निर्णय लिया कि 9 अप्रैल को शहर में एक जागरूकता मार्च निकाला जायेगा और अधिक से अधिक लोगों को इस आन्दोलन से जोड़ा जायेगा।

अन्ना के समर्थन में उरई में दूसरे दिन भी अनशन जारी

अन्ना हजारे का उपवास दिल्ली में आज दूसरे दिन भी जारी रहा तो यहां उरई में उनके समर्थन में जुटे लोग दूसरे दिन भी अनशन पर बैठे। ज्ञात हो कि कल 5 अप्रैल को अन्ना हजारे के कदम से कदम मिलाते हुए उरई शहर के तथा जनपद के कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पूरे दिन उपवास रखा था।



इसी
कड़ी में इन जागरूक लोगों ने निश्चय किया कि भले ही वे अन्ना हजारे की तरह से अनिश्चितकालीन उपवास न कर सकें, भले ही लगातार अनशन न कर सकें किन्तु जब तक अन्ना हजारे अनशन पर बैठे हैं उरई में भी अनशन जारी रहेगा। इस विचार के साथ आज दिनांक-6 अप्रैल को सत्संग भवन, माहिल तालाब के पास नगर के, जपनद के जागरूक व्यक्तियों ने अनशन रखा।


इस
अवसर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सम्बोधित करते हुए एक पत्र भी लिखा गया। इसे सामूहिक मार्च निकाल कर किसी प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा जायेगा। इसके अलावा यह भी प्रस्ताव रखा गया कि सभी लोग व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री को जन लोकपाल बिल लाने के सम्बन्ध में पत्र प्रेषित करेंगे।

दो दिन का उपवास व्रत लिए इप्टा कलाकार - संतोष
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आज के अनशन की विशेष बात यह रही कि दो-तीन छोटे बच्चों ने भी यहां अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करवाई।



आज
के इस अनशन में आधा सैकड़ा के करीब लोग उपस्थित रहे। इसमें डॉ0 सतीशचन्द्र शर्मा, राज पप्पन, डॉ0 राकेश नारायण द्विवेदी, डॉ0 जयशंकर तिवारी, डॉ0 शिवकुमार पटेल, डॉ0 इन्द्रमणि द्विवेदी, डॉ0 अरुण सिंह, डॉ0 रवीन्द्र त्रिपाठी, डॉ0 अनुज भदौरिया, डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, संतोष, अंशुमन सेंगर, रामेश्वर प्रसाद तिवारी, देवेन्द्र वर्मा, दुर्गेश कुमार गुप्ता, सन्तोष दीक्षित, हरेन्द्र विक्रम सिंह, सुधीर त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।

कल
दिनांक 7 अप्रैल को भी इसी स्थान पर अनशन जारी रहेगा।

अन्ना हजारे के समर्थन में उरई (जालौन) में अनशन

अन्ना हजारे के समर्थन में अनशन प्रारंभ
दिनांक - 5 अप्रैल 2011
स्थान -- उरई (जालौन) उ० प्र०
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अन्ना हजारे के अनशन के समर्थन में आज दिनांक- 5 अप्रैल 2011 को उत्तर प्रदेश के जनपद-जालौन के शहर उरई में जिले के नागरिक भी अनशन पर बैठे। उरई के राजमार्ग पर स्थित तहसील कार्यालय के गेट पर विभिन्न व्यवसाय से जुड़े नागरिकों ने इस अनशन में भाग लेकर अन्ना हजारे के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।




पूरी
तरह से नागरिक आन्दोलन तथा गैर-राजनैतिक आन्दोलन के रूप में प्रारम्भ इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकार द्वारा लोकपाल बिल का यथाशीघ्र पास करवाने का है। आन्दोलन का उद्देश्य व्यक्तिगत नहीं अपितु देशहित को ध्यान में रखकर निर्धारित किया गया है, इसी कारण से सम्पूर्ण देश के साथ-साथ उरई शहर में भी यह आन्दोलन पूरी शान्ति के साथ, अहिंसात्मक रूप में चलाया जा रहा है।



आज प्रातः 10 बजे से अनशन को प्रारम्भ किया गया। इसमें शामिल होने वालों में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, इंटर कॉलेज के शिक्षक, व्यापारी, राजनेता, अधिवक्ता, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य, मीडियाकर्मी, कृषक आदि सम्मिलित हुए। सभी एक स्वर में लोकपाल बिल को पारित करने, भ्रष्टाचार मुक्त समाज के निर्माण की मांग कर रहे थे।


अनशन में डॉ0 राकेश नारायण द्विवेदी, डॉ0 शिवशंकर पटेल, डॉ0 देवेन्द्र नाथ, डॉ0 इन्द्रमणि, डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर (सभी गांधी महाविद्यालय, उरई), डॉ0 रामनिवास मानव, डॉ0 रामलखन विश्वकर्मा, डॉ0 के0 सी0 गुप्ता, डॉ0 दुर्गेश कुमार सिंह, डॉ0 रामप्रताप सिंह, डॉ0 रामेन्द्र गुप्ता (सभी दयानन्द वैदिक महाविद्यालय, उरई), डॉ0 जयशंकर तिवारी, (मथुरा प्रसाद महाविद्यालय, कोंच), महेन्द्र विक्रम सिंह, (एडवोकेट), इन्द्रजीत सिंह यादव, (वरिष्ठ अधिवक्ता तथा राजनेता), महेश सर, सुभाष चन्द्रा, (महासचिव, सेवा दृष्टि संस्थान, उरई), अवधेश कुमार दीक्षित, एडवोकेट, मनोज कुमार सचान, अरुण कुमार, शालिगराम निरंजन, गजेन्द्र सिंह गुर्जर, घनश्याम दास शर्मा, अश्वनी बुधौलिया, ज्याति प्रसाद गर्ग, विजय सिंह निरंजन, अहिवरन सिंह यादव आदि सहित जिले के कई गणमान्य नागरिक अनशन स्थल पर उपस्थित रहे।